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Good Friday

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pr. surendra bandhav (bina) यीशु द्वारा क्रूस पर कहे  गये अंतिम सात वचन ''जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं   पहुंचे, तो उन्होंने वहां उसे और उन कुकिर्मयों को भी एक को दाहिनी और और दूसरे को बाईं और क्रूसों पर चढ़ाया'' (लूका २३:३३) यीशु की शारीरिक पीडा बहुत कष्टकारी थी। यह कोडे मारने से प्रारंभ हुई थी जिससे चमडी छिल कर गहरे घाव बन जाते थे। कई लोग तो ऐसे कोडे खाते खाते ही मर जाते थे। फिर, उन्होंने कांटो का ताज उनके सिर पर पहना दिया। उनकी कटपटी में गहरी सुईयां मानो गड गयी और पूरा चेहरा रक्तरंजित हो गया। उन्होंने उनके चेहरे पर थप्पड मारे, मुंह पर थूका, अपने हाथों से उनकी दाडी के बाल उखाडे । फिर उन्होंने उनके उपर क्रूस लाद दिया कि यरूशलेम की गलियों में से लेकर चले और कलवरी पर जहां उन्हें क्रूस पर चढाया जाना था, वहां पहुंचे। अंतत उनके हाथों में जहां कलाई और हथेली का जोड होता है और पैरों में कीलें ठोक दी गयीं। इस तरह कीलों से ठोककर उन्हें क्रूस पर चढाया गया। बाइबल का वचन है, ''जैसे बहुत से लोग उसे देखकर चकित हुए (क्योंकि उसका रूप) यहां तक (बिगड़ा) हुआ

फाशः का पर्व

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April 08, 2020 Best Life फसह का पर्व और प्रभु भोज दासत्व   से   याजक ,   रक्षक   और प्रबंधक   :    मिस्र देश में   400   साल के दासत्व के बाद, इसरायली वहाँ से निकल पड़े ।   उस रात को जब इस्त्रायली घराने के अगुवे ने मेमने को बलिदान किया वह अपने   परिवार का याजक   बन गया ।   जब मेमने के लोहू को दरवाज़े के चौखट पर छिड़का, तब वह   रक्षक   बन गया, और जब परिवार ने उस मेमने को पका कर खाया, वह प्रबंधक   बन गया   ।   ( निर्गमन   12 : 7 - 12 ;   1   तीमोथी   5 : 8) फसह की थाली:   प्रभुजी ने फसह के पर्ब में यहूदी परंपरानुसार एक घर में कड़वा  साग, (दासत्व की निशानी) अखमीरी (खमीर= भ्रष्टाचार की निशानी) रोटी,  और  भुना गोश्त खिलाया ।   (मत्ती   16 : 11 , 12 ) टूटा हुआ देह:   प्रभुजी ने मातज़ाह (अखमीरी रोटी जिसमे बहुत से छेद होते हैं जो मसीह के   ज़ख़्मी शरीर को दर्शाता है) और कहा,” इसे लो और खाओ, यह मेरी देह है जो तुम्हारे लिए तोड़ा गया है; मेरी याद में यह किया करो” ।   ( 1कुरिन्थियों   11:24) तीन रोटियां:   मसीही यहूदी तीन रोटियों को अलग