फाशः का पर्व
April 08, 2020 Best Life फसह का पर्व और प्रभु भोज दासत्व से याजक , रक्षक और प्रबंधक : मिस्र देश में 400 साल के दासत्व के बाद, इसरायली वहाँ से निकल पड़े । उस रात को जब इस्त्रायली घराने के अगुवे ने मेमने को बलिदान किया वह अपने परिवार का याजक बन गया । जब मेमने के लोहू को दरवाज़े के चौखट पर छिड़का, तब वह रक्षक बन गया, और जब परिवार ने उस मेमने को पका कर खाया, वह प्रबंधक बन गया । ( निर्गमन 12 : 7 - 12 ; 1 तीमोथी 5 : 8) फसह की थाली: प्रभुजी ने फसह के पर्ब में यहूदी परंपरानुसार एक घर में कड़वा साग, (दासत्व की निशानी) अखमीरी (खमीर= भ्रष्टाचार की निशानी) रोटी, और भुना गोश्त खिलाया । (मत्ती 16 : 11 , 12 ) टूटा हुआ देह: प्रभुजी ने मातज़ाह (अखमीरी रोटी जिसमे बहुत से छेद होते हैं जो मसीह के ज़ख़्मी शरीर को दर्शाता है) और कहा,” इसे लो और खाओ, यह मेरी देह है जो तुम्हारे लिए तोड़ा गया है; मेरी याद में यह किया करो” । ( 1कुरिन्थियों 11:24) तीन रोटियां: मसीही यहूदी तीन रोटियों को अलग